रिश्तों में परिंदे भी सियासत नही करते
इंसान ही रिश्तों की हिफाज़त नही करते।
गद्दार न पैदा हो किसी कोख से या राब,
गद्दार तो कोमों की हिफाज़त नही करते
बहता है लहू हिंदू मुसलमान का लेकिन,
जंगल में जनावर भी तिजारत नही करते
कमजोर इरादों को कभी पास न रखना,
दिल तोड़ के अक्सर ये मसाफ़त नही करते
किरदार निभाने का सलीका भी तो आए,
फिर लोग ज़माने में नदामत नही कराते
माँ बाप से बड़कर कोई मक्का नही होता
सरवन की तरह बच्चे जियारत नही करते
करते हैं दुआएँ जो औरों के लिए "सागर "
मस्जिद या शिवाले में इबादत नही करते
इंसान ही रिश्तों की हिफाज़त नही करते।
गद्दार न पैदा हो किसी कोख से या राब,
गद्दार तो कोमों की हिफाज़त नही करते
बहता है लहू हिंदू मुसलमान का लेकिन,
जंगल में जनावर भी तिजारत नही करते
कमजोर इरादों को कभी पास न रखना,
दिल तोड़ के अक्सर ये मसाफ़त नही करते
किरदार निभाने का सलीका भी तो आए,
फिर लोग ज़माने में नदामत नही कराते
माँ बाप से बड़कर कोई मक्का नही होता
सरवन की तरह बच्चे जियारत नही करते
करते हैं दुआएँ जो औरों के लिए "सागर "
मस्जिद या शिवाले में इबादत नही करते